आपने किसानों की खबरें बहुत सुनी होंगी। आये दिन मौसम की मार और अधिक उत्पादन की वजह मूल्य न मिलने से किसान कर्ज में डूब जाते है। और अपनी जान तक गवां देते हैं। इसीलिए खेती को घाटे का सौदा माना जाने लगा हैं, साथ ही घटती जमीन के चलते किसान परिवारों का अपने पुस्तैनी काम से मोह भंग हो रहा है। ऐसे में अगर आपको पता चले कि मात्र डेढ़ एकड़ जमीन से दो साल में करोड़पति भी बन सकते हैं तो असंभव सा लगता है। लेकिन हकीकत में भूना के किसान रामकुमार ने यह करके दिखा दिया है। और उन्होंने दो साल में इस खेती से एक करोड़ से ज्यादा की पैदावार का रिकॉर्ड बनाया है। जी हां दोस्तों रामकुमार ने पॉली हाउस में खीरे की फसल उगाकर ये कारनामा कर दिखाया है।
आज हम आपको पोली हाउस (Polyhouse Farming in Hindi) में खेती करने की हिंदी में जानकारी दे रहे हैं।
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पॉली हाउस में मौसम कभी किसी फसल के लिए प्रतिकूल नहीं होता मतलब हर मौसम को अपने हिसाब से बदला जा सकता है। इसलिए किसी भी फसल को कभी लिया जा सकता है। इसलिए रामकुमार ने साल में चार फसल खीरा की लगाई। यानी कि तीन माह में एक फसल तैयार की। इसलिए उन्हें भाव भी अच्छा मिला क्योंकि बेमौसम में सब्जी बहुत महेंगी बिकती है।
अगर आप भी पौली हाउस में खेती लगाकर करोड़ों की कमाई करना चाहते है तो पहले उसकी पूरी जानकारी लीजिये। पौली हाउस में खीरे की खेती की कुछ विशेष जानकारी आपको बता रहे हैं।
– पॉली हाउस में तैयार खीरा बीज रहित होता है। मतलब उसमें बीज नही होता।
– पॉली हाउस में पैदा होने वाला खीरा स्वाद में कभी भी खारा नहीं होता।
– पौली हाउस में मौसम एक सा होने के कारण पैदावार भी सामान्य के मुकाबले कई गुणा ज्यादा होती है।
इन आंकड़ों से आप समझ सकते है कि उत्पादन व कमाई कितनी हो सकती है।
डेढ़ एकड़ में पौधों की संख्या — 17,500
एक पौधे पर पैदावार — औसतन 4 किलोग्राम
कुल पैदावार — 700 क्विंटल
औसत भाव — 20 रुपये प्रति किलोग्राम
मूल्य कम से कम 15 व सर्दी में 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक मिल जाता है।
एक फसल की कुल पैदावार — 14.00 लाख रुपये
टोटल खर्च — 50 % उत्पादन का
एक फसल का कुल लाभ — लगभग साढ़े 7 लाख रुपये
एक साल में 4 फसल की पैदावार — 56.00 लाख रुपये
दो साल में कुल पैदावार का आंकड़ा — लगभग 1.12 करोड़ रुपये ।
तो अब तो आप समझ गए होंगे कि खेती कभी भी घाटे का सौदा नही है।अगर नई तरीके से जी जाए।
अगर आप भी पॉली हाउस (Polyhouse Farming) लगाना चाहते हैं तो अपने नजदीकी बागवानी विभाग में संपर्क करें। क्योंकि पॉली हाउस पर बागवानी विभाग कुल लागत का 65 प्रतिशत सब्सिडी देता है। यानी कि प्रति एकड़ 24.31 लाख रुपये विभाग व 12.93 लाख रुपये शेयर किसान का लगता है। वहीं ड्रिप सिस्टम पर भी विभाग 75 प्रतिशत सब्सिडी देता है। इसमें विभाग साढ़े 4 लाख रुपये तो किसान के एक लाख रुपये के लगभग खर्च होता है।
तो दोस्तों आपको आज पौली हाउस की जानकारी Polyhouse Farming in Hindi कैसी लगी हमे कमेंट करके जरूर बताएं।
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