नमस्कार दोस्तों ऑनलाइन जॉब अलर्ट’ में आपका स्वागत है. हम अपने ब्लॉग में हमेशा कुछ ना कुछ नया पोस्ट करते रहते है. और बहुत सारी शिक्षा, रोज़गार और ऑनलाइन वर्क फ्रॉम होम से जुडी जानकारी देते रहते हैं. आज भी हम आपको शिक्षा से जुडी एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं. आज की पोस्ट में हम आपको बतायंगे की स्कॉलरशिप क्या होती है, स्कॉलरशिप किसे मिलती है, स्कॉलरशिप कितने प्रकार की होती है? स्कॉलरशिप के क्या फायदे होते हैं? स्कॉलरशिप का फॉर्म कहाँ और कैसे भरें? Post Matric Meaning in Hindi, प्री मेट्रिक और पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप का मतलब क्या होता है और कहाँ से आवेदन करें, NSP Full Form in Hindi.
स्कॉलरशिप क्या है (Scholarship Meaning in Hindi)
सबसे पहले आपको बता दें की स्कॉलरशिप अंग्रेजी भाषा का एक शब्द है और इसका हिंदी में अर्थ होता है ‘छात्रवृत्ति’. जैसा की नाम से पता चलता है यह शब्द भी दो शब्दों से मिलकर बना है छात्र और दूसरा वृत्ति. जहाँ एक छात्र का मतलब तो समझ ही गए होंगे. अब बात करते हैं वृत्ति की. तो इसका मतलब यहाँ सहायता राशी होता है. तो इस प्रकार स्कॉलरशिप का मतलब हुआ छात्रों को शिक्षा के लिए दी जाने वाली सहायता राशी.
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स्कॉलरशिप किसे दी जाती है (Scholarship Eligibility)
यह स्कॉलरशिप या धनराशी ऐसे गरीब होनहार छात्रों को दी जाती है जो पढने – लिखने में होशियार होते हैं. जैसा की आप जानते हैं की आज शिक्षा एक बहुत बड़ा बाज़ार बन चूका है. जिसके कारण गरीब और माध्यम वर्ग के होनहार छात्र आगे की पढ़ाई करने में असमर्थ है. क्योंकि उनके पास उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पैसे नहीं है. ऐसे छात्रों के लिए एक रास्ता खुला हुआ है और वह है स्कॉलरशिप.
हमारे देश की केंद्र और राज्य सरकारें गरीब, असहाय, अल्पसंख्यक और कमज़ोर वर्गों के छात्रों के लिए बहुत सारी स्कॉलरशिप योजनायें चलाती हैं. और होनहार छात्रों को उच्च शिक्षा देने के लिए धनराशी के रूप में देती है. जिससे छात्र अपनी पढ़ाई की फीस दे सके.
स्कॉलरशिप के फायदे (Benefits of Scholarship)
अच्छी और उच्च शिक्षा प्राप्त करना सबका अधिकार होता है. लेकिन शिक्षा महंगी होने के कारण बहुत सारे गरीब मेधावी छात्र इससे वंचित रह जाते हैं. इनके लिए स्कॉलरशिप किसी वरदान से कम नहीं होती. स्कॉलरशिप के बहुत सारे फायदे होते हैं एक तो आपके परिवार पर पैसों का संकट नहीं होता. क्योंकि अगर आपको स्कॉलरशिप मिल जाती है तो उन्हें अपनी जमा पूँजी से पैसा नहीं निकलना होता. अगर आपने शिक्षा के लिए लोन लिया है त्यों भी आप उसके बोझ से बाख जाते हैं.
स्कॉलरशिप का एक और फायदा उन लोगों को तो होता ही है जो बहुत गरीब हैं. हमारे देश में ऐसे बहुत सारे होशियार छात्र होते हैं जो अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं. क्योंकि उनके माता पिता के पास घर चलाने तक के पैसे नहीं होते. और ऐसे छात्र पढ़ाई छोड़कर किसी काम धंधे में लगने के लिए मजबूर हो जाते हैं. अगर इन्हें स्कॉलरशिप मिल जाती है तो यह अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं.
जो छात्र स्कॉलरशिप लेकर अपनी पढ़ाई करते हैं उन्हें समाज भी अलग नज़र से देखता है. क्योंकि स्कॉलरशिप लेने वाले छात्र अपनी मेहनत के बल पर आगे बढे हैं. पढ़ाई के लिए उन्होंने अपने परिवार पर भी निर्भर होना पढ़ा. जब ऐसे छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए इंटरव्यू में जाते हैं तो उनको पहले प्रेफ़रेंस दी जाती है.
स्कॉलरशिप कितने प्रकार की होती है (Types of Scholarship in Hindi)
हमारे देश में अनेक प्रकार की स्कॉलरशिप स्कीम चलाई जाती है. जिनको हम अलग अलग केटेगरी में बाँट सकते हैं. जैसे वित्त आधारित स्कॉलरशिप, स्किल या टैलेंट बेस्ड स्कॉलरशिप, मेरिट आधारित स्कॉलरशिप, महिलाओं के लिए स्कॉलरशिप , खेलो को बढ़ावा देने के लिए स्कॉलरशिप इसके अतिरिक्त भी अनेक स्कॉलरशिप चलाई जाती है.
हमारे देश की केंद्र और राज्य सरकारें भी अपनी अपनी स्कॉलरशिप योजनायें चलाते हैं. इसके साथ आज बहुत सारी निजी संस्थाएं भी होनहार छात्रों को उच्च शिक्षा का लाभ देने के लिए स्कॉलरशिप स्कीम चलाती है. इनमें मुख्य रूप से टाटा ग्रुप, इनफ़ोसिस भारत में पोपुलर है. तो विश्व में माइक्रोसॉफ्ट जैसे संस्थाएं भी बड़े स्केल पर स्कॉलरशिप योजनायें चलाती है.
चलिए अब कुछ केटेगरी के आधार पर चलाई जाने वाली मुख्य स्कॉलरशिप के बारे में विस्तार से जानते है –
वित्त आधारित स्कॉलरशिप (Means Based Scholarship)
हमारे देश में गरीब लोगों की संख्या अधिक होने की वजह से सरकार ऐसी स्कॉलरशिप चलाती है जिससे पिछड़े हुए गरीब और वंचित वर्ग के छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर सके. उन्हें वित्त अथवा धन की वजह से पढ़ाई ना छोडनी पढ़े. वित्त आधारित स्कॉलरशिप स्कुल और कोलेज दोंनो में पढने वाले छात्रों को दी जाती है.
टॉप वित्त आधारित स्कॉलरशिप की लिस्ट निम्नलिखित है :-
S NO | स्कॉलरशिप का नाम | योग्यता | आवेदन समय |
1 | प्री मेट्रिक स्कॉलरशिप | कक्षा 1 से 10 तक | अगस्त से सितम्बर |
2 | पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप | कक्षा 11 से पीएचडी तक | अगस्त से सितम्बर |
3 | अज़ीम प्रेमजी स्कॉलरशिप | स्नातक डिग्री | मार्च से अप्रैल |
4 | डॉ आंबेडकर पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप | कक्षा 11 से मास्टर डिग्री तक | नवम्बर से जनवरी |
5 | नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप | जनजाति/अनुसूचित जनजाति | अप्रैल से मई |
वित्त आधारित स्कॉलरशिप में मुख्य रूप से दो प्रकार की स्कॉलरशिप का सबसे ज्यादा लाभ लिया जाता है. इनमें से एक उच्च शिक्षा (Scholarship for Degree Students) के लिए दी जाती है जिसे पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप कहते हैं जो हाई स्कूल पास कर चुके अभ्यर्थी को दी जाती है . और दूसरी प्री मेट्रिक स्कॉलरशिप होती हैं जो हाई स्कूल से नीचे की पढ़ाई करने के लिए दी जाती है. आइये विस्तार से इन स्कॉलरशिप को समझते हैं .
Prematric and Postmatric Meaning in Hindi
दोस्तों स्कोलरशिप की बात आती है तो प्री मेट्रिक और पोस्ट मेट्रिक के छात्रों को इसकी जानकारी की आवशयकता होती है. इसीलिए अब हम आपको दोंदो प्रकार की छात्रव्रत्ति की जानकारी संक्षेप में बताने जा रहे हैं. जिससे आपको इस्क्ला लाभ लेने में कोई समस्या ना हो.
प्री मेट्रिक स्कॉलरशिप (Pre Matric Meaning in Hindi)
हमारे देश में बहुत सारे लोग गरीबी के कारण पढ़ाई नहीं कर पाते. और यह अनपढ़ लोग जब अपने बच्चों को स्कॉलरशिप दिलवाना चाहते हैं वह इनके बारे में उन्हें अधिक जानकारी नहीं होती. उन्हें यह भी नहीं पता होता की कौनसी स्कॉलरशिप कौनी क्लास के बच्चों को मिलती है. इस कारण उनके बच्चे पढ़ाई बीच में ही छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते है.
ऐसे लोगों को पूरी जानकारी देने लिए हमने यह पोस्ट लिखी है. तो आइये सबसे पहले समझते हैं की प्री मेट्रिक स्कॉलरशिप क्या होती है.
प्री मेट्रिक स्कॉलरशिप वाक्य अंग्रेजी के तीन शब्दों Pre Matric Scholarship से मिलकर बना है. जिसमें Pre का मतलब होता है पहले या पूर्व, Matric का मतलब होता है 10वीं या हाई स्कूल और Scholarship का मतलब होता है छात्रवृत्ति. तो इस प्रकार Pre Matric Scholarship का मतलब हुआ हाई स्कूल से पहले दी जाने वाली छात्रवृत्ति या स्कॉलरशिप.
यह स्कॉलरशिप ऐसे गरीब अल्पसंख्यक छात्रों (scholarships for students) को दी जाती है जो आर्थिक रूप से कमज़ोर है. कक्षा 1 से 10वीं या मेट्रिक तक के बच्चे इसका लाभ ले सकते हैं.
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (Postmatric Scholarship Meaning in Hindi)
पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप भी अंग्रेजी के तीन शब्दों Post Matric Scholarship से मिलकर बना है. जिसमें पोस्ट का मतलब होता है बाद, और मेट्रिक का अर्थ होता है हाई स्कूल या 10वीं, और Scholarship का अर्थ होता है छात्रवृत्ति. तो इस प्रकार Post Matric Scholarship का पूरा अर्थ होता है हाई स्कूल के बाद दी जाने वाली स्कॉलरशिप. या छात्रवृत्ति.
यह स्कॉलरशिप हाई स्कूल कक्षा पास कर चुके छात्र और छात्राओं को दी जाती है जो अपनी फ़ीस देने में असमर्थ है. अलग अलग राज्यों में भी अनेक पोस्ट मेट्रिक स्कोलरशिप चलाई जाती है. जैसे Karnatak राज्य में SSP Post Matric Scholarship सबसे पोपुलर है. यहाँ SSP का फुल फॉर्म होता है State Scholarship Portal. और SSP का हिंदी में अर्थ होता है राज्य छात्रवृति पोर्टल या मंच.
SSP की वेबसाइट है – https://ssp.postmatric.karnataka.gov.in
स्कॉलरशिप कहाँ अप्लाई करें (NSP Full Form in Hindi)
किसी भी स्कॉलरशिप का लाभ लेने के लिए आपको उसके लिए आवेदन (Scholarship Application) करना होता है. भारत सरकार ने छात्रों की सुविधा के लिए एक पोर्टल बनाया हुआ है. यहाँ आपको राष्ट्रीय स्कॉलरशिप के साथ साथ बहुत सारे राज्यों की स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसे शोर्ट में NSP पोर्टल भी कहा जाता है. जहाँ NSP का मतलब होता है NATIONAL SCHOLARSHIP PORTAL. और इसका हिंदी में अर्थ होता है राष्ट्रीय स्कॉलरशिप मंच .
जिसकी ऑफिशल वेबसाइट है – http://www.scholarships.gov.in/.
अगर आप नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर आवेदन करना चाहते हैं और इसके बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप इसके सहायता नंबर ‘National Scholarship Portal Number’ – पर कॉल करके कोई भी सवाल पूछ सकते हैं.
नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल हेल्पलाइन नंबर – 0120-6619540
सके साथ आप इस पोर्टल पर पर ईमेल भी कर सकते हैं –
National Scholarship Portal Email – helpdesk@nsp.gov.in
निजी संस्थाओं द्वारा दी जाने वाली स्कॉलरशिप (Private Scholarship)
शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बहुत सी निजी संस्थाएं भी स्कॉलरशिप प्रोग्राम चलाती है. भारत सरकार के नियम अनुसार निजी कंपनियां अपनी आय का कुछ हिस्सा समाज के कल्याण में लगाती है. जिसे CSIR फंड कहा जाता है. जहाँ CSIR का मतलब होता है कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर). सीएसआर सभी निजी कंपनियों के लिए अनिवार्य है ताकि वह भी समाज में अपना योगदान से सकें.
इसीलिए प्राइवेट कंपनियां अपने NGO (एनजीओ) आदि खोलती हैं, NGO का मतलब होता है NON PROFIT ORGANIZATION. इनमें से कुछ NGO का मकसद शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जाता है. और यह शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने का काम करते हैं. इनकी सहायता से कमजोर एवं प्रतिभाशाली छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है .
विदेशों में मिलने वाली स्कॉलरशिप (International Scholarship)
जिस प्रकार भारत में सरकारे और निजी संस्थाएं शिक्षा का प्रसार करने के लिए स्कॉलरशिप योजनायें चलती हैं उसी प्रकार विदेश में भी सरकार और बहुत सी विदेशी कम्पनियाँ भी ऐसे सामजिक कार्य करती हैं. इनमें से कुछ स्कॉलरशिप भारत में ही शिक्षा ग्रहण करने के लिए दी जाती हैं और कुछ विदेशों में सस्ते दर पर पढ़ाई करने के लिए दी जाती है.
जैसा की आप जानते हैं की विदेश में पढ़ाई करना बहुत महंगा होता है. क्योंकि यूरोपीय और अमेरिकी देशों की मुद्राओं की तुलना में भारत के रुपए का मूल्य काफी कम है. इसीलिए यह स्कॉलरशिप भारतीय छात्रों की पढ़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
निष्कर्ष – पोस्ट मेट्रिक मीनिंग इन हिंदी
आज की पोस्ट में हमने समझा की स्कॉलरशिप क्या है, स्कॉलरशिप किन्हें मिलती है, स्कॉलरशिप कितने प्रकार की होती है, हमने आज भारत में चलाई जाने वाली टॉप स्कॉलरशिप के बारे में भी जाना. साथ ही हमने पोस्ट मेट्रिक क्या होता है, प्री मेट्रिक क्या होता है, Post Matric Meaning in Hindi के बारे में भी समझा. इसके साथ निजी और विदेशी कंपनियों द्वारा चलाये जाने वाली स्कॉलरशिप की उपयोगिता को भी जाना. अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने मित्रों के साथ सोशल मीडिया में जरुर शेयर करें. और अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो हमें जरुर लिखें.
जय हिन्द